आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मनुष्य परेशान हो चुका है। उसका सफर सुबह चाय के साथ शुरू और रात को ऑफिस से घर आने के बाद सोने तक ही सीमित रह गया है। इस दौरान मनुष्य अपनी सेहत का ध्यान नहीं रख पाता और बीमार पड़ जाता है।
लेकिन आप बीमार क्यों पड़ते हैं क्या आप इसका कारण जानते हैं? अंतरिक्ष शारीरिक दुर्बलता के कारण आप बीमार होते हैं और बीमारियों से ग्रस्त होते हैं‌।इसके अलावा आप मानसिक रूप से भी दुर्बलता का शिकार होने पर डिप्रेशन जैसी बड़ी बीमारियों का शिकार होते हैं।
लेकिन इनका उपचार भी हमारे वेदों में बताया गया है। इनका उपचार योग, प्राणायाम, यंत्र-तंत्र और मंत्र बताया गया है। लेकिन आपको इनके बारे में परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। आप मात्र ब्रह्मचर्य के पालन से ही इन शारीरिक दुर्बलता ओं से मुक्ति पा सकते हैं।
यदि आप शादीशुदा नहीं है तो आपको निश्चय ही ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। भगवान ने वासना की उत्पत्ति मात्र संतान उत्पत्ति के कारण ही की थी। इसलिए बिना कारण इसका भी दुरुपयोग करना मनुष्य को दुर्बल बनाता है। जिस प्रकार पशु भी बिना भूख के शिकार नहीं करते उसी प्रकार मनुष्य का भी स्वभाव होना चाहिए।
ब्रह्मचर्य
ब्रह्मचर्य से मनुष्य की बुद्धि और विवेक की स्थिति बिल्कुल सही रहती है। मनुष्य के अंदर बल आता है और ध्यान लगाने की क्षमता बढ़ती है। मनुष्य कभी भी किसी भी आ स्कती की ओर आसक्त नहीं होता। यही विशेषता उसे सफल बनाती है।
ध्यान
ब्रह्मचर्य का पालन करने के बाद मनुष्य की ध्यान शक्ति बढ़ती है और उसका ध्यान एक तरफ लगाने में ब्रह्मचर्य का बड़ा योगदान होता है। मनुष्य ध्यान के द्वारा सात चक्रों को जागृत करता है और इस सृष्टि से मुक्त हो जाता है।
ऐसा मनुष्य लाखों में कोई एक ही होता है, जो इस संसार के मोह को त्याग पाता है। ऐसे मनुष्य के पास कोई भी बीमारी कोई भी रोग और कोई भी समस्या नहीं भटकती। ऐसा मनुष्य लोगों की समस्याओं का निवारण करता है और जनकल्याण करता है।

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