डॉक्टरों का मानना है कि तापमान में कमी के चलते जोड़ों की नसें सिकुड़ जाती है और इसके कारण वहां रक्त का तापमान कम हो जाता है, इस कारण ही जोड़ों में अकड़न के साथ दर्द भी होने लगता है।
सर्दियां आते ही बुजुर्गों के जोड़ों की समस्या भी देखने को मिलती है। जैसे-जैसे सर्दी पड़ती है यह समस्या और गहन होती जाती है। डॉक्टरों का मानना है कि सर्दियों में जोड़ों की नसें सिकुड़ने लगती हैं, जिसके कारण स्थान पर जकड़न के साथ दर्द महसूस होता है।
कानपुर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य रह चुके अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ आनंद स्वरूप ने आईएएनएस से कहा कि "सर्दियों में हमारे दिल को बहुत ज्यादा गर्मी की आवश्यकता होती है और उस कारण वहां पर खून का प्रवाह भी ज्यादा होता है, इस कारणवश दूसरे अंगों तक रक्त की मात्रा थोड़ी कम पहुंचती है और वहां पर दर्द और अकड़न जैसी समस्या देखने को मिलती है"। वैज्ञानिक भाषा में इसे आर्थराइटिस कहते हैं।
इसके उपाय:
सुबह की ताजा गुनगुनी धूप विटामिन डी का बेहद ही महत्वपूर्ण स्रोत है। सुबह की गुनगुनी धूप लेने से आपके जोड़ों के दर्द में काफी आराम होगा। इसके कारण रक्तशोधक क्षमता भी बढ़ती है। इसके अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी बढ़ोतरी होती है।
इसके अलावा प्राणायाम और योग भी इसका एक बहुत बढ़िया समाधान है। आपको लगातार नहीं बैठना चाहिए और कुछ समय बैठने के बाद खड़े होकर थोड़ी देर घूमना चाहिए, इस कारण आपके शरीर में रक्त का संचार हो जाएगा और आप इस दर्द से बचे रहेंगे।
आप प्रतिदिन अंग्रेजी दवाइयां लेने से भी बचें। अंग्रेजी दवाइयां जरूरत के अनुसार बहुत अच्छी होती हैं लेकिन उनकी लत भी किसी शहर से कम नहीं है। इसलिए आयुर्वेदिक दवाइयों का अनुसरण करें और प्राणायाम और योग पर ध्यान दें।
यदि आपको आर्टिकल अच्छा लगे तो आर्टिकल लाइक और शेयर करें और अपने विचार नीचे कमेंट करके बताना ना भूले करके बताना ना भूलें।
सर्दियां आते ही बुजुर्गों के जोड़ों की समस्या भी देखने को मिलती है। जैसे-जैसे सर्दी पड़ती है यह समस्या और गहन होती जाती है। डॉक्टरों का मानना है कि सर्दियों में जोड़ों की नसें सिकुड़ने लगती हैं, जिसके कारण स्थान पर जकड़न के साथ दर्द महसूस होता है।
कानपुर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य रह चुके अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ आनंद स्वरूप ने आईएएनएस से कहा कि "सर्दियों में हमारे दिल को बहुत ज्यादा गर्मी की आवश्यकता होती है और उस कारण वहां पर खून का प्रवाह भी ज्यादा होता है, इस कारणवश दूसरे अंगों तक रक्त की मात्रा थोड़ी कम पहुंचती है और वहां पर दर्द और अकड़न जैसी समस्या देखने को मिलती है"। वैज्ञानिक भाषा में इसे आर्थराइटिस कहते हैं।
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सुबह की ताजा गुनगुनी धूप विटामिन डी का बेहद ही महत्वपूर्ण स्रोत है। सुबह की गुनगुनी धूप लेने से आपके जोड़ों के दर्द में काफी आराम होगा। इसके कारण रक्तशोधक क्षमता भी बढ़ती है। इसके अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी बढ़ोतरी होती है।
इसके अलावा प्राणायाम और योग भी इसका एक बहुत बढ़िया समाधान है। आपको लगातार नहीं बैठना चाहिए और कुछ समय बैठने के बाद खड़े होकर थोड़ी देर घूमना चाहिए, इस कारण आपके शरीर में रक्त का संचार हो जाएगा और आप इस दर्द से बचे रहेंगे।
आप प्रतिदिन अंग्रेजी दवाइयां लेने से भी बचें। अंग्रेजी दवाइयां जरूरत के अनुसार बहुत अच्छी होती हैं लेकिन उनकी लत भी किसी शहर से कम नहीं है। इसलिए आयुर्वेदिक दवाइयों का अनुसरण करें और प्राणायाम और योग पर ध्यान दें।
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