14 वर्ष की आयु के बाद गुर्दे में पथरी की प्रॉब्लम अब आम हो गई है। यह कभी भी किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। लेकिन कुछ सावधानियां, दवाईयां और नुष्कों के द्वारा इसके प्रभाव को समाप्त किया जा सकता है।
बस यह कर लो लीवर की पथरी के टुकड़े-टुकड़े होकर बाहर आ जाएंगे
हमारा लिवर खून को फिल्टर करने का काम करता है। यह बचे हुए अपशिष्ट पदार्थ को मूत्र के रूप में शरीर से बाहर निकाल देता है। यदि फिर भी कुछ अपशिष्ट भाग लीवर के अंदर रह जाता है तो वह ठोस पदार्थ का रूप ले लेता है, जो आगे चलकर पथरी कहलाता है।
इसका मुख्य कारण पानी की कमी होता है। पानी की कमी से अनेक रोग होते हैं। यदि आप पूरे दिन में 1 या 2 लीटर से भी कम पानी पीते हैं तो यह पथरी होना आम बात है। पानी कम पीने से अपशिष्ट पदार्थों को लीवर अच्छी तरह बाहर नहीं निकल पाता है और कुछ पदार्थ उसी की जालियों में रह जाते हैं जो पथरी का कारण बनते हैं।
इसका पता तब चलता है जब वह गुर्दे और मूत्र की नाली के बीच में फंस जाती है और बहुत ज्यादा दर्द करने लगती है। यह दर्द असहनीय और चिंता देने वाला होता है। लेकिन खानपान में सुधार के द्वारा इसके प्रभाव को बिल्कुल कम किया जा सकता है।
सबसे खतरनाक भोजन-
जिसको भी गुर्दे की पथरी की प्रॉब्लम होती है उसे मांसाहारी वस्तुएं जैसे मछली, अंडा, मुर्गा या फिर कोई भी जानवर यहां तक कि अंडे भी नहीं खाने चाहिए। इनमें प्यूरीन और एमिनो एसिडबहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है, जो पथरी को और मजबूत करता है।
प्रोटीन के लिए आप शाकाहारी दाल का प्रयोग अवश्य ही कर सकते हैं।
परहेज-
आपको बीज सहित टमाटर, ड्राई फ्रूट्स, डार्क चॉकलेट, मैदे से बनी चीजें, चाय, कॉफी, शराब, जंक फूड और ज्यादा नमक और ज्यादा चीनी से बनी चीजों का प्रयोग नहीं करना है। आप टमाटर का थोड़ी मात्रा में बीज निकालकर प्रयोग कर सकते हैं।
दूध और दूध से बनी चीजें आपको 1 दिन में एक बार अवश्य ही खानी चाहिए। दूध खून को फिलटर करते समय ओगजीलेट को अपने साथ खून में ही बहा ले जाता है और पथरी कम होती जाती हैं।
इसके अलावा नींबू का रस, संतरे का रस, मूली का रस और अनार का रस लाभदायक होता है।
उपचार-
पत्थरचट्टा नामक पौधे के पत्ते को पीसकर उसकी चटनी बनाकर या फिर उसका जूस निकालकर उसका सेवन किया जा सकता है। यदि आप ऐसा नहीं कर पाते तो आप पत्थरचट्टा के पत्ते को पीसकर रात में पानी में भिगो दें और सुबह उठकर उस पानी को छानकर पी लें। यह पथरी को जल्दी बाहर निकालने में सहायक होता है।
यदि यह पौधा आपको नहीं मिले तो होम्योपैथी की एक दवा बर्बेरिस वल्गैरिस नाम से आती है। यह दवा भी इसी पौधे के पत्तों से बनी होती हैं। इस दवा की 15 बूंदें एक चौथाई पानी में डालकर सुबह और शाम खाली पेट ली जा सकती हैं। इस दवा का सेवन कम से कम 2 महीने करना चाहिए, ऐसा करने से आपकी पथरी बाहर निकल आएगी।

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